संज्ञा (sangya) : परिभाषा, भेद और उदाहरण | sangya in Hindi – इस आर्टिकल में हम संज्ञा , संज्ञा किसे कहते कहते हैं, संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के प्रकार और उनके भेदों को उदाहरण के माध्यम से पढ़ेंगे। इस टॉपिक से सभी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है। हम यहां पर संज्ञा ( sangya) के सभी भेदों/प्रकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेके आए है। hindi में संज्ञा ( sangya) से संबंधित बहुत सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं और राज्य एवं केंद्र स्तरीय बोर्ड की सभी परीक्षाओं में यहां से questions पूछे जाते है। sangya in Hindi के बारे में उदाहरणों सहित इस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। तो चलिए शुरू करते है –
संज्ञा ( Sangya)
संज्ञा का शाब्दिक अर्थ- सम+ज्ञा अर्थात् सम्यक् ज्ञान कराने वाला। संज्ञा विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है।
संज्ञा किसे कहते हैं | Sangya Kise Kahate Hain
संज्ञा को ‘नाम’ भी कहा जाता है। किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान प्राणी, अवस्था, गुण या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udahran)
व्यक्ति – राम, महेश, मोहन, सिता आदि।
स्थान – दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अमेरिका, जर्मनी, रांची, पटना, बिहार, जापान, बांग्लादेश आदि।
वस्तु – कुर्सी, किताब, घड़ी, सुई, सोफा, बेड, बर्तन, खिड़की, गाड़ी, पुस्तक आदि।
भाव – सौंदर्य, मिठास, वीरता, गर्मी, जवानी, बुढ़ापा, बचपन, लंबाई, चौड़ाई, सुगंध आदि।
संज्ञा शब्द (Sangya Shabd)
किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी के नाम को दर्शाने वाले शब्द को संज्ञा शब्द कहते हैं।
संज्ञा की परिभाषा | Sangya ki Paribhasha
संज्ञा की परिभाषा | Sangya ki Paribhasha
किसी व्यक्ति, वस्तु , स्थान, भाव आदि के नामों को ‘संज्ञा’ कहते हैं । जैसे- श्याम, मनुष्य, मूर्खता, राम, सेना आदि।
संज्ञा के प्रकार/भेद | Sangya Ke Bhed
संज्ञा के भेद | Sangya Ke Bhed –
1.व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.जातिवाचक संज्ञा
3.भाववाचक संज्ञा
नोट – संज्ञा को परम्परागत रूप से (प्राचीन मान्यताओं के आधार पर) पाँच प्रकारों में और आधुनिक मान्यताओं के आधार पर तीन प्रकारों में बाँटा गया है।
1. समूहवाचक संज्ञा
2. द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं | Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper noun)- जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु के नाम का पता चले वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण | Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan
राम (व्यक्ति विशेष),जयपुर (स्थान विशेष),टाटा चाय (वस्तु विशेष)
व्यक्ति का नाम – गीता,सिता,मिरा,रिया,रमेश,राम, श्याम आदि।
स्थान का नाम – जयपुर, दिल्ली, मुबंई, ताजमहल आदि।
वस्तु का नाम – गीता, कार, बस, घड़ी, पुस्तक, आदि।
दिशाओं के नाम- उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण
देश के नाम- भारत चीन अमेरिका ब्रिटेन अफगानिस्तान आदि।
राष्ट्रीय जातियों के नाम- भारतीय,अमेरिकी आदि।
नदियों के नाम- गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, सिंधु, सोन आदि।
पर्वतों के नाम- हिमालय, अरावली, विंध्याचल, काराकोरम आदि।
महीनों व दिनों के नाम- जनवरी, फरवरी,मार्च, रविवार, मंगलवार आदि।
त्योहारों व उत्सव के नाम– दीपावली, होली, रक्षाबंधन, भैया दूज आदि।
ऐतिहासिक घटनाओं के नाम– 1857 की क्रांति, पानीपत का युद्ध,हल्दी घाटी का युद्ध आदि।
समुंद्र के नाम- हिंद महासागर
नोट-व्यक्तिवाचक संज्ञा एकवचन में प्रयुक्त होती है।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं | Jativachak Sangya Kise Kahate Hain
2.जातिवाचक संज्ञा – किसी वर्ग या समूह का बोध कराने वाले शब्दो को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता हैै।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण | Jativachak Sangya Ke Udaharan
मूजदूर, नदी, लेखक, पहाड़ आदि।
‘लड़का’ से रमेश, रवि, सोनू, महेश आदि सभी ‘लड़कों’ का बोध होता है।
‘नदी’ से यमुना,माही, गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि सभी नदियों का बोध होता है।
‘वस्तु’से मकान कुर्सी, पुस्तक, कलम, घड़ी आदि का बोध होता है।
‘पहाड़’ कहने से संसार के सभी पहाड़ों का बोध होता है।
‘मनुष्य’ कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।
‘पशु पक्षी’से भैंस, गाय, घोड़ा, कुत्ता, बिल्ली आदि सभी जाति का बोध होता है।
जातिवाचक संज्ञा के उपभेद-
(i). समूहवाचक संज्ञा
(ii). द्रव्यवाचक संज्ञा
(i). समूहवाचक/समुदाय वाचक – जिस संज्ञा शब्दों से समूह होने का बोध होता हो, उन्हें समूह वाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – परिवार,सेना,विद्यालय,टोली, झुंड, भीड़, सभा, दल, समिति आदि समूहवाचक संज्ञा शब्द है।
Q:) समूहवाचक संज्ञा कौन से वचन में प्रयुक्त होती है?
(A) एकवचन में
(B) बहुवचन में
उत्तर- एकवचन में प्रयुक्त होती हैं।
(ii). द्रव्यवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से नाप-तोल संबंधित वस्तुओं का बोध होता है, उन्हे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- सोना, चांदी, तांबा, लोहा, दूध, दही आदि द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द है।
नोट – द्रव्यवाचक संज्ञा एकवचन में प्रयुक्त होते हैं तथा वह गणनीय होते हैं।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं | Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain
3. भाववाचक संज्ञा – किसी वस्तु व्यक्ति प्राणी या पदार्थ आदि के गुण दोष स्वभाव अवस्था दशा व्यापार भाव आदि का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- मोटापा, मधुरता, बुढ़ापा, सुंदरता, ईमानदारी, बचपन, उत्साह, बेचैनी, लंबाई, चौड़ाई, अमीरी, गरीबी आदि भाववाचक संज्ञाएं है।
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण –
भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातीवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और अव्यय शब्दों से बनती है भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के अंत में प्राय त्व,पन,ता आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना:-
भाववाचक संज्ञाएँ निम्नलिखित पाँच प्रकार के शब्दों से बनाई जाती हैं
(i) जातिवाचक संज्ञाओं से
(ii) सर्वनामों से
(iii) विशेषणों से
(iv) क्रियाओं से
(v) अव्ययों से
(i) जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
बूढ़ा | बुढ़ापा |
बच्चा | बचपन |
भाई | भाईचारा |
मनुष्य | मनुष्यता |
सज्जन | सज्जनता |
दुष्ट | दुष्टता |
युवक | यौवन |
दास | दासता |
साधु | साधुता |
पंडित | पांडित्य |
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
वीर | वीरता |
कवि | कवित्व |
व्यक्ति | व्यक्तित्व |
मित्र | मित्रता |
शत्रु | शत्रुता |
लुटेरा | लूट |
शिशु | शिशुता |
प्रभु | प्रभुता |
विद्वान | विद्वत्ता |
वकील | वकालत |
(ii) सर्वनामों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
मम | ममता |
सर्व | सर्वस्व |
आप | आपा |
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
निज | निजता |
अपना | अपनापन |
पराया | परायापन |
(iii) विशेषणों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
प्यासा | प्यास |
लोभी | लोभ |
सम | समानता |
विषम | विषमता |
आलसी | आलस्य |
युवा | यौवन |
साफ़ | सफाई |
पापी | पाप |
हरा | हरियाली |
लम्बा | लम्बाई |
स्वस्थ | स्वास्थ्य |
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
सुन्दर | सुन्दरता |
ठंडा | ठंडक |
राष्ट्रीय | राष्ट्रीयता |
खट्टा | खटास |
निर्बल | निर्बलता |
चतुर | चतुरता |
बुरा | बुराई |
मधुर | मधुरता |
हीन | हीनता |
कायर | कायरता |
भयानक | भय |
(iv) क्रियाओं से भाव वाचक संज्ञाएँ बनाना :
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
जीना | जीवन |
थकना | थकावट |
जलना | जलन |
जागना | जाग |
गिरना | गिरावट |
लिखना | लिखावट |
बचाना | बचाव |
सजाना | सजावट |
चलना | चाल |
खेलना | खेल |
मारना | मार |
हँसना | हँसी |
देखना | दिखावा |
लगना | लगाव |
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
दौड़ना | दौड़ |
मिलना | मिलाप |
मरना | मरण |
सुनना | सुनवाई |
सहज | सहजता |
सिलना | सिलाई |
माँगना | माँग |
पूजना | पूजा |
उड़ना | उड़ाना |
चुनना | चुनाव |
खोजना | खोज |
कहना | कहावत |
बैठना | बैठक |
बहना | बहाव |
दोस्तो हमने इस आर्टिकल में Sangya in Hindi के साथ – साथ Sangya kise kahate hain, Sangya ki Paribhasha, Sangya ke bhed के बारे में पढ़ा। हमे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको यहां Hindi Grammar के सभी टॉपिक उपलब्ध करवाए गए। जिनको पढ़कर आप हिंदी में अच्छी पकड़ बना सकते है।